आ ज ऊंचाई और गहराई के बीच एक मुकम्मल सा जहान हैं जहां कल्पनाओं में बंधे हुए हकीकत से नाराज़ हैं। इस सफ़र में ना कोई मंज़िल हैं, और ना ही दो राहें। स…