क्रोध

जो मन में कैद रखो

तो अशांत हो ।


इसे काबू में रखो

तो धैर्य का प्रमाण हो।


जो धैर्य में दबा रहे

तो तूफ़ान की गिरफ्त में हो।


जो टूटा बांध इस दीवार का

उस ऊर्जा का उपयोग करो।


जब कभी यह जलकर राख हो जाए

तो पोषण बन किसी के विचारो में मिलो।


इसे सही जगह पर इस्तेमाल करो

तो तुम किसी की आवाज़ बनो। 


- शतरूपा उपाध्याय 





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