কেউ ট্রাফিক লাইটের নীচে গাড়িতে বন্ধ, কেউ বা চায়ের দোকানের সামনে আড্ডায় মগ্ন। এদের ব্যস্ত জীবনের দিনের শেষে, এক কোণায় থেকে যাই আমি। এক কালে কাকভোর…
Read moreयह अल्फाज़ " आज़ाद " ; अक्षर मुझसे जुड़ा रहता है, जैसे की सूरज हर सहर से। ना कोई पिंजरा है और ना हीं किसी लकीर से बंधन। फिर क्यों लोग मेरे…
Read moreघड़ी की सुई जो दे रही थी दस्तक, शुरू होने वाला था एक नया सा वक्त। जो हक था हमारा तुम पर कभी, धुंधला हो रहा था स्याही के कलम से वो छवि। कहीं बिजली के …
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